📚 2025 में B.Ed & D.El.Ed कोर्स में NCTE के बड़े बदलाव

2025 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने बी.एड (B.Ed) और डी.ईल.एड (D.El.Ed) प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में कई नए नियम लागू किए हैं, जो शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने और शिक्षण को अधिक व्यावहारिक बनाने के उद्देश्य से लिए गए हैं 1।
1. एक समय में केवल एक कोर्स की अनुमति
अब छात्र एक साथ B.Ed और D.El.Ed दोनों नहीं कर सकते — ऐसा निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के फोकस को ध्यान में रखकर लिया गया है 2।
2. प्रवेश प्रक्रिया: परीक्षा + इंटरव्यू अनिवार्य
दो चरणों से चयन होगा:
- Entrance Test: शिक्षा, भाषा, गणित, तर्कशक्ति व कंप्यूटर ज्ञान की जांच
- Interview: आत्मविश्वास, teaching attitude और व्यवहार की परख 3
3. केवल NCTE से मान्यता प्राप्त संस्थान
अब B.Ed और D.El.Ed की डिग्री केवल उन्हीं कॉलेजों से मान्य होगी जो NCTE मान्यता प्राप्त हों 4।
4. इंटर्नशिप का फर्ज़ी परिवर्तन था—अब कम से कम 6 महीने जरूरी
अब छात्रों को स्कूलों में व्यावहारिक अनुभव हेतु कम से कम 6 महीने इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से करनी होगी, जिससे थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल ज्ञान भी प्राप्त हो 5।
5. आयु सीमा और योग्यता स्पष्ट की गई
- B.Ed: स्नातक + न्यूनतम 21 वर्ष, अधिकतम 35 वर्ष (आरक्षित वर्गों को छूट)
- D.El.Ed: 10+2 में न्यूनतम 50%, आयु 18–35 वर्ष 6
6. ITEP (4‑वर्षीय Integrated Teacher Education Programme)
NCTE ने ITEP शुरू किया है—a 4‑year integrated course after 12वीं जिसमें B.A./B.Sc./B.Com + B.Ed एक साथ होगा। यह 2025‑26 से मुख्यधारा में आएगा 7।
7. डिस्टेंस/ऑनलाइन मोड पर रोक
अब ये कोर्सेस केवल फुल‑टाइम और नियमित मोड में मान्य होंगे; ऑनलाइन या डिस्टेंस डिग्री अमान्य मानी जाएगी 8।
8. B.El.Ed का भविष्य?
NCTE की योजना है कि 2026‑27 के बाद 4‑वर्षीय B.El.Ed को बंद कर ITEP में पूरी तरह लाया जाए 9।
🧭 बदलावों का सारांश
परिवर्तन | विवरण |
---|---|
Dual‑enrolment | अब नहीं हो सकेगा |
Entry Process | लिखित + इंटरव्यू ज़रूरी |
Internship | कम से कम 6 महीने जरूरी |
Institutional Norms | केवल NCTE मान्यता |
Mode | ऑनलाइन/डिस्टेंस अमान्य |
Course Duration | 1‑2‑4 साल (NEP के अनुसार) |
✨ क्या इसका असर आपके ऊपर है?
- जो छात्र एक साथ B.Ed और D.El.Ed कर रहे हैं, उन्हें चयन करवा कर एक कोर्स चुनना होगा।
- इन बदलावों से अब शिक्षक प्रशिक्षण अधिक प्रैक्टिकल, पारदर्शी और गुणवत्ता-उन्मुख होगा।
- 12वीं के बाद सीधे शिक्षक बनने की राह खुली है।